TOP GUIDELINES OF PARINAAM KI DUNIYA

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आखिरकार, प्लासी की लड़ाई के दूरगामी परिणाम पूरे उपमहाद्वीप में कंपनी शासन की स्थापना थे। इस प्रकार प्लासी युद्ध के फलस्वरूप बंगाल और भारत की स्वतंत्रता छिनने लगी।

गरीबी लोगों को सामाजिक कलंक से गुजरने का कारण बन सकती है, जिससे समाज में उनकी स्थिति और भी कठिन हो सकती है।

बौद्धिक नवजागरण की निम्‍नलिखित विशेषताएँ थीं-

आर्थिक गरीबी आमतौर पर उन लोगों से जुड़ी होती है जिनके पास आर्थिक संसाधनों की कमी होती है। इसे व्यक्ति या परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर मापा जा सकता है।

सावन में महादेव को प्रसन्न करने के लिए कैसे विधिवत धारण करें रुद्राक्ष

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राजनैतिक प्रभाव- पुनर्जागरण के आने से यूरोप मे सामन्‍ती व्‍यवस्‍था का अन्‍त हुआ। शक्तिशाली राज्‍यों का उदय हुआ। आधुनिक राज्‍य की नींव पड़ी। यूरोप में राष्‍ट्रीयता की भावना का प्रसार हुआ।

दिल्ली का मुगल सम्राट निर्बल था। फिर भी उसने अपने सूबेदारों को मराठों के खिलाफ भड़काया। परिणाम स्वरूप मराठों ने दिल्ली सम्राट पर आक्रमण करके उसे और अधिक कमजोर बनाया तथा उस पर नियंत्रण स्थापित किया। मुगल सम्राट इस स्थिति को स्वीकार नही कर पाया अतः उसे अहमदशाह का आक्रमण स्वर्ण अवसर लगा।

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प्लासी युद्ध के कारण और परिणाम, घटनाएं व महत्व

पर्यावरण में ऑक्सीजन शामिल है जिसमें हम सांस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं, वह भूमि जिसमें हम रहते हैं, और वह जैव विविधता जो हमारे चारों ओर है। ये तत्व सामूहिक रूप से हमारी जीवन समर्थन प्रणाली बनाते हैं, पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखते हैं और मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करते हैं। हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से लेकर जिन दवाइयों पर हम निर्भर हैं, पर्यावरण पर हमारी निर्भरता निर्विवाद है। click here दुर्भाग्य से बीते कुछ दशकों की मानव की गतिविधियों ने पर्यावरण पर भारी असर डाला है, जिससे व्यापक गिरावट और पारिस्थितिक असंतुलन पैदा हुआ है।  वनों की कटाई, प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपभोग और जलवायु परिवर्तन ग्रह के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाली प्रमुख चुनौतियों में से हैं। ये गतिविधियाँ न केवल पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता को खतरे में डालती हैं, बल्कि पर्यावरणीय आपदाओं को भी बढ़ाती हैं और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती हैं।

मानववाद- यूरोप में नवीन विचारधारा उत्‍पन्‍न हुई, जिसको मानववाद कहा गया। प्राचीनकालीन रोमन और यूनानी क्‍लासीकल साहित्‍य का अध्‍ययन करने वाला विद्वान मानववादी कहलाये। मानववाद का अभिप्राय उन्‍नत ज्ञान से है। उन्‍होनें दैवीय ज्ञान को नहीं माना। वे मनुष्‍य के महत्‍व को समझने लगे। बौद्धिक और तर्कसंगत विचारों को मानने लगे, जिसके कारण मध्‍ययुगीन विचारधाराओं की मान्‍यता कम होने लगी। मानववाद पुनर्जागरण युग की एक महत्‍वपूर्ण विशेषता थी।

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